GURUVAR VRAT KATHA 2023

 

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एक समय की बात है, एक गांव में एक गरीब लड़का नाम राम रहता था। उसके पिता की मृत्यु के बाद, उसे अपनी माता के साथ ही गरीबी का सामना करना पड़ता था। राम का मन उच्चतम ज्ञान और सद्गुरु की आराधना करने का था। वह ज्ञान के लिए बहुत तड़प रहा था।

एक दिन, राम को एक संत मिला जिनका नाम स्वामी श्रद्धानंद था। स्वामी श्रद्धानंद ने राम को बहुत अच्छे संस्कार दिए और उनसे गुरु-शिष्य सम्बंध का आदेश दिया। उन्होंने राम को गुरुवार के दिन गुरु की पूजा और व्रत करने का सुझाव दिया।

राम ने अपने गुरु के आदेश का पालन करने का निश्चय किया। उसने गुरुवार से अपना व्रत शुरू किया। वह प्रतिवर्ष गुरुवार के दिन गुरु की पूजा करता था। वह आदर्श शिष्य बनने के लिए गुरुवार को पूजन करने के साथ-साथ अन्य दिनों में भी गुरु की सेवा करता था।

वर्षों बाद, राम की कठिनाईयों को देखकर देवता उसके पास आए और उसे सहायता के लिए प्रार्थना करने लगे। राम ने उन्हें पूछा कि आप सभी इस दिन मेरे पास क्यों आए हो। देवताओं ने उत्तर दिया, "गुरुवार को हमें तुम्हारे व्रत के द्वारा गुरु का आशीर्वाद मिलता है। तुम्हारा गुरु हमें सभी विपत्तियों से बचाता है और हमें सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है।"

राम ने इस उत्तर को सुनकर अपनी गलतियों को समझा और गुरु की सेवा करने का संकल्प बनाया। उसने गुरु की पूजा और सेवा में और भी नया ध्यान दिया और इसे नियमित रूप से किया। गुरु के आशीर्वाद से उसके सभी संकट और विपत्तियां दूर हो गईं और उसकी जिंदगी में सुख-शांति आयी।

इस कथा से समझने योग्य उपदेश हैं कि गुरु की सेवा और पूजा करने से हमें आध्यात्मिक उन्नति मिलती है और हमारी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। गुरु की कृपा से हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, और आनंद की प्राप्ति होती है। इसलिए, हमें नियमित रूप से गुरु की सेवा करनी चाहिए और उनके मार्गदर्शन में चलना चाहिए।

यह थी गुरुवार व्रत कथा हिंदी में। गुरुवार के दिन गुरु की पूजा, पाठ, और ध्यान करने से आपके जीवन में आशीर्वाद आएगा और सभी संकटों से बचाव होगा।

 JAI VISHNU BHAGWAN....

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